जाति मामले में अजीत जोगी ने सुप्रीम कोर्ट का खटखटाया दरवाजा, दायर की SLP…. 26 अगस्त को याचिका पर सुनवाई की संभावना…..छानबीन समिति के माध्यम से राजनैतिक करियर समाप्त करने का आरोप
जाति मामले को लेकर अजीत जोगी ने सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष एक SLP दायर की गई है । इस SLP में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा उनके पद का दुरुपयोग करते हुए अजीत जोगी के राजनीतिक करियर को नष्ट करने के एकमात्र उद्देश्य के साथ छानबीन कमेटी की कार्यवाही में हस्तक्षेप करने के लिए आवश्यक रूप से मुख्यमंत्री के विरुद्ध अभियोग चलाने का एक अंतरिम आवेदन भी प्रस्तुत किया गया है । 9 अगस्त 2019 को मुख्यमंत्री के द्वारा सार्वजनिक बयानों से स्पष्ट है कि वे अजीत जोगी का छानबीन समिति के माध्यम से राजनैतिक करियर समाप्त करना चाहते हैं ।
अजीत जोगी को छानबीन कमेटी द्वारा छत्तीसगढ़ छानबीन समिति नियम 2013 के नियम 22 के तहत कारण बताओ नोटिस दिया गया है जिसके मद्देनजर उन्हें आज सुबह 11 बजे या तो छानबीन कमेटी के समक्ष उपस्थित होने कहा गया है या एकतरफा कार्रवाई का सामना करने को कहा गया है । यह नोटिस गैरकानूनी है क्योंकि नियम 21 के तहत विजिलेंस सेल की जाँच या माननीय उच्च न्यायालय द्वारा में ऐसा कोई भी तथ्य सामने नहीं आया है जो यह साबित कर सके कि अजीत जोगी द्वारा हासिल किया हुआ सामाजिक स्थिति प्रमाण पत्र गलत है या धोखे से प्राप्त किया गया है । अतः वरिष्ठ अधिवक्ता और भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल श्री मुकुल रोहतगी द्वारा इस एसएलपी को सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष आज जल्द से जल्द सुनवाई किये जाने का मौखिक रूप से निवेदन किया है ।
उपरोक्त तथ्यों के आधार पर, अजीत जोगी अपने वकील और जेसीसीजे कोर कमेटी के सदस्य राहुल त्यागी के साथ छानबीन समिति के समक्ष उपस्थित होकर अपना विरोध प्रदर्शित करेंगे । वे छानबीन समिति के समक्ष उनके खिलाफ सभी कार्रवाई सर्वोच्च न्यायालय के अगले आदेश तक स्थगित करने की मांग भी करेंगे । अजीत जोगी की उपरोक्त याचिका आगामी सोमवार 26 अगस्त 2019 को उच्चतम न्यायालय के समक्ष सुनवाई सूची में आने की संभावना है ।